भालेराव के सुसंस्कृत जोक्स : ६५
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दुर्जनं प्रथमं वंदे, सज्जनं तदनंतरं ||
( अर्थात : मै पहले दुर्जन लोगो को वंदन करता हूं और बादमे सज्जन लोगो को वंदन करता हूं. आप पूछेंगे के ऐसा उलटा क्यू ? तो ऐसा है के पहले दुर्जन को वंदन करनेसे वे खुश रहेंगे और सज्जन तो अच्छे लोग होते ही है और वे उनको बाद मे वंदन करनेसे मेरी शत्रुता नही करेंगे. ).
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